गुलदार को पकड़ने के तरीके पर सवाल उठाने वाले काश तुम उस जगह होते।

डोईवाला- अपनी जान की बाजी लगा कर डोईवाला के भानियावाला में आबादी क्षेत्र में घूमकर सपेरा बस्ती के निकट उद्यान विभाग की नर्सरी में घुसा गुलदार  वन विभाग ने पकड़ा। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई वन कर्मी गंभीर घायल भी हुए जबकि स्थानीय सभासद ईश्वर रोथान पर भी गुलदार ने जानलेवा हमला किया।


ये घटना सेकडो लोगों ने देखी और हमने लगातार रेस्क्यू की हर अपडेट को  दिखाया।


उसके बाद भी कुछ लोग वन कर्मियों के प्रति सहानुभूति व उनका हौसला बढ़ाने की बजाय गुलदार को लाठी डंडों से हमला कर मारने की कोशिश बता रहे है।



जबकि सब जानते है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गुलदार बेहद आक्रामक था और पांच बार गुलदार ने जानलेवा हमला कर रेस्क्यू टीम के कई सदस्यों को गंभीर रूप से घायल किया।


क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन टीम को लोग धन्यवाद दे रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे है कि रेस्क्यू टीम के सभी सदस्यों को सम्मानित करने के साथ घायलों को उचित मुआवजा और प्रशस्ति पत्र दिया जाए। 



जिस क्षेत्र में गुलदार घुसा था उस क्षेत्र के लोगों की जान बचाने के लिए जिन वन कर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर गुलदार को काबू किया यदि वह लोग ऐसा नहीं करते तो कोई भी बड़ी अनहोनी घटना घट सकती थी लेकिन उसके बावजूद भी इस प्रकार की तुच्छ राजनीति से जहां बन कर्मियों को प्रोत्साहन देना चाहिए था वहां ऊपर कटाक्ष किए जा रहे हैं जो लोग आज वन कर्मियों पर कटाक्ष कर रहे हैं यदि गुलदार उन पर हमला करता है तो क्या वह लोग उसे खुद पर हमला करने देते हैं और उस पर अपने बचाव के लिए कुछ ना करते आज हम इतनी बड़ी-बड़ी बातें इसलिए कर रहे हैं कि  उस हमलावर गुलदार के सामने हम नहीं थे वन कर्मी थे


 घर में बैठ कर बात बनाना बड़ा आसान है मौके पर जब गुलदार सामने होता है तब मौत का सामना सामने से होता है हमें ऐसी तुच्छ राजनीति से ऊपर उठकर ऐसे जांबाज वन कर्मियों का हौसला बढ़ाना चाहिए।