डोईवाला- आज प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं से अवगत कराया गया कि, उत्तराखंड राज्य में लगभग 35 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं द्वारा लगातार अपना बहुमूल्य योगदान कोविड्-19 महामारी में दिया जा रहा है। जिसमे सभी कोविड 19 जैसी आपदा मे अपनी जान जोखिम मे डालकर अपनी सेवाएं पूर्ण ईमानदारी और मेहनत से कर रही हैं।
लेकिन फ्रंट लाइन कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं,उनके लिए फेस शील्ड,मास्क, सेनिटाइजर, ग्लब्स आदि नहीं, (कम्युनिटी सर्विलेंस) घर घर जाकर मरीजों के स्वास्थ्य को जानकारी लेकर सूचनाएं अपने विभाग के अतिरिक्त अन्य सरकारी अधिकारियों को भी देना, प्रवासियों की सूचना आदि, जहां अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारी कोवीड में काम करने के लिए पल्ला झाड़ रहे हैं वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा बीमार व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनको सेवाएं प्रदान की जा रही हैं,साथ ही उनको कोविड् सर्वे में लोगो द्वारा छुवा छूत ,जैसे दुरव्यावर का भी सामना करना पड़ रहा है।
ऐसी विषम स्थिति में कार्य करते हुए भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कई महीनो से मानदेय नहीं मिल पा रहा है जबकि राज्य में बजट की व्यवस्था है लेकिन विभाग की धीमी गति से कार्य करने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सामने रोजी रोटी का आर्थिक संकट पैदा हो चुका है, इसके बावजूद भी हम सभी वर्कस अपने कार्य पर डटे हैं।आप से अनुरोध है कि छोटे से मान धन पर काम करने वाले वर्कर्स को समय पर भुगतान किया जाए।साथ ही यह भी अवगत कराना है कि अधिकाश कार्यकर्त्री गरीब परिवारों से है कोरॉना में काम करते हुए अगर पॉजिटिव हो जाती हैं तो उसके इलाज का खर्च सरकार द्वारा किया जाए, और अगर किसी कार्यकर्त्री की कोरोना से मृत्यु हो जाए तो,उसके परिवार वालों को भी वही आर्थिक सुविधाएं दी जानी चाहिए जो अन्य सरकारी कर्मचारियों को दी जा रही हैं।उनके परिवार वालों के लिए उनका जीवन भी अमूल्य है।
साथ ही महोदय को अवगत कराया गया है कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय में वृद्धि की गई थी लकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने 4 वर्ष पूरे हो जाने पर भी इस विषय पर विचार नहीं किया, पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड 19 में काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दस हजार रूपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी जो आज तक पूरी नहीं हुई,जिससे कार्यकर्ताओं की भावनाए आहत हुई है।
मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया कि समय रहते आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की समस्याओं पर गम्भीरता से विचार विमर्श करते हुए सकारात्मक निर्णय लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी करें।