डोईवाला
डोईवाला विकासखंड में जल संस्थान की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है जहां सरकार लगातार पानी की बर्बादी को रोकने के लिए तमाम कोशिशें अमल में ला रही है तो वही डोईवाला के जल संस्थान की नाकामियों के कारण जगह जगह पेयजल की लाइनें क्षतिग्रस्त होने के कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है लेकिन जल संस्थान अपने कुंभ करनी नींद से बाहर नहीं निकल पा रहा है।
ताजा उदाहरण डोईवाला तहसील व ब्लॉक मुख्यालय में देखने को मिल सकता है जहां पिछले 3 दिनों से भारी मात्रा में पानी सड़कों पर बह रहा है लेकिन जल संस्थान द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जबकि विभाग का कार्यालय यहां से कुछ ही दूरी पर है और तमाम जनता विकासखंड मुख्यालय में जल संस्थान की इस लापरवाही का खामियाजा भुगत रही है और कीचड़ भरे रास्ते से गुजरने पर मजबूर हो रही है तो वही विकासखंड एवं तहसील मुख्यालय में ही इस तरह की लापरवाही जल संस्थान डोईवाला को कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।
यदि मुख्यालय में ही यही स्थिति है तो दूर दराज के गांवों में पेयजल की बर्बादी की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है आखिर पिछले 3 दिनों से जो हजारों लीटर पानी बर्बाद होकर सड़कों में बह चुका है उसका जिम्मेदार कौन है और ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर आखिर कार्यवाही कब होगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं डोईवाला क्षेत्र के विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार हर घर को एक रुपए में स्वच्छ पेयजल देने की मुहिम में लगे हुए हैं तो वही डोईवाला क्षेत्र में ही अधिकारियों की लापरवाही के कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और विभिन्न जगहों पर लोगों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है और वह अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।