सर्दियों में ही पेयजल किल्लत, गर्मियों में क्या होगा हाल

 डोईवाला

डोईवाला विधानसभा में सर्दियों में भी पेयजल किल्लत समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है तो वही जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।


 मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जहां हर घर जल देने की मुहिम में लगे हुए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में एक रुपए और शहरी क्षेत्रों में ₹100 संयोजन शुल्क रखा गया है जिससे कि हर घर को पानी मिल सके परंतु उनकी ही विधानसभा में अधिकारी इस महत्वपूर्ण योजना से इधर कनेक्शन धारकों को भी पानी मुनासिब नहीं करवा पा रहे हैं।

 विधानसभा अंतर्गत जगह-जगह आए दिन पानी की मोटर खराब हो जाने के कारण ग्रामीणों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है लेकिन अधिकारी इसका स्थाई समाधान खोजने में नाकाम साबित हो रहे हैं जो कि उनकी कार्यशैली दर्शाता है साथ ही पेयजल न मिलने के कारण ग्रामीणों का गुस्सा भी सरकार के प्रति बढ़ता जा रहा है लेकिन अधिकारी तो अधिकारी है जब तक कई दिन न बीत जाएं ग्रामीणों की सुनवाई नहीं हो पा रही है और उत्तराखंड जल संस्थान डोईवाला मूकदर्शक की भूमिका निभा रहा है।

 वर्तमान में शिमलास ग्रांट में 2 दिन से मोटर खराब हो जाने के कारण पेयजल किल्लत झेल रहे हैं ग्रामीण इससे पूर्व बुलावाला व भानियावाला में भी लगातार यही समस्या बनी रहती है तो वहीं जगह-जगह पानी लीकेज की समस्या  का कभी जल संस्थान कोई स्थाई समाधान नहीं खोज पाया है और लोगों को पानी मिलने की बजाय बर्बाद होने की कगार पर है ।

पूर्व प्रधान उमेदबोरा ने बताया कि पिछले 2 दिनों से ट्यूबवेल की मोटर फूंक जाने कारण ग्रामीण क्षेत्रों को पानी नहीं मिल पा रहा है लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्दी मुख्यमंत्री से भी शिकायत की जाएगी।