ऋषिकेश- गूरू पूर्णिमा पर वीरभद्र स्थित साधना मंदिर आश्रम वीरभद्र व हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ.स्वामी राम को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
रविवार को गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में साधना मंदिर आश्रम व स्वामी राम साधक ग्राम में भव्य पूजन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने पुष्पांजलि भेंट कर डॉ.स्वामी राम व स्वामी वेद भारती को श्रंद्धाजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अज्ञानता को नष्ट करने वाला जो ब्रह्म रूप प्रकाश है, वह गुरु है। भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है। भारतीय इतिहास में गुरु की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक के रूप में रही है। गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। गुरु-शिष्य परंपरा का निर्वह्न करते हुए विश्वविद्यालय की ओर से हर साल प्रदेश के सैकड़ों निर्धन व मेधावी छात्र-छात्राओं को करोड़ो रुपये की स्कॉलरशिप दी जाती है।
स्वामी राम व स्वामी वेद भारती के जीवन संस्मरणों को याद करते हुए डॉ. धस्माना ने बताया कि स्वामी जी ने अपना संपूर्ण जीवन गुरू व जनसेवा को समर्पित किया था। स्वामी जी व उनके शिष्य के संबंधों का आधार था उनका ज्ञान, मौलिकता और नैतिक बल। साथ ही उनका शिष्यों के प्रति स्नेह भाव व ज्ञान बांटने का निःस्वार्थ भाव।
इस दौरान आश्रम प्रमुख स्वामी ऋतवान भारती, ध्यान मंदिरम् ट्रस्ट की सचिव साधना मिश्रा, पवन कुमार झा, रविन्द्र साहू, मीडिया एग्जीक्यूटिव अनूप रावत सहित स्वामी जी के शिष्य व अनुयायी मौजूद रहे।