डोईवाला-
प्रदेश में जारी लॉक डाउन के बीच जहां पुलिस व स्थानीय प्रशासन लॉक डाउन में फंसे बगैर राशन कार्ड धारको को अपनी ओर से अन्नपूर्णा खाद्यान्न मुहैया करा रहा है तो वहीं इसी बीच आज लगभग 38 मजदूर जो कि बिहार और झारखंड के मूल निवासी हैं वह डोईवाला चौक से होते हुए रेलवे स्टेशन में पहुंचे और वहां से पैदल ही अपने मूल गांव जाने की फिराक में थे।
जिसका संज्ञान लेकर मौके पर मौजूद एलआईयू उपनिरीक्षक विनोद गुुसाईं ने उनसे रोक कर पूछताछ की व कोतवाली को सूचित किया जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस द्वारा उनको उनके गंतव्य वापस भेजा गया। व उनके लिये भोजन की व्यवस्था करने का इनतजाम किया।
लेकिन इस बीच जो हमारे द्वारा उन मजदूरों से पूछा गया कि वह कहां से आए हैं और कहां जा रहे थे तो एक यह बात उजागर हुई जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वह लॉक डाउन जारी होने के दौरान जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण में मजदूरी का काम कार्य कर रहे थे लेकिन लॉक डाउन होने पर ये तभी से वही फस गए उनके पास जो जमा पूंजी थी वह सब कुछ दिनों में ही खाने-पीने में समाप्त हो गई
लेकिन ना तो एयरपोर्ट में निर्माण कार्य करवा रहे ठेकेदार ने ना ही जौलीग्रांट पुलिस ने और ना ही किसी अन्य ने उनकी सुध ली और आज वह भुखमरी के कगार पर आ गए हैं जिस कारण और कोई व्यवस्था ना देख वह पैदल ही रेलवे स्टेशन से पटरी पटरी के रास्ते अपने मूल निवास बिहार एवं झारखंड जाने के लिए यहां पहुंचे थे।
उनके द्वारा बताया गया कि वह अब यहां नहीं रह सकते हैं क्योंकि उनके खाने-पीने को कुछ नही है और उनकी बुरी स्थिति है और वह बिना किसी मदद के यहां पर रह रहे हैं जिससे एक बात यह उजागर होती है कि एयरपोर्ट जैसे क्षेत्र में इतने मजदूर भुखमरी के कगार पर हैं और किसीने इन की ओर ध्यान नहीं दिया यह बड़ा सवाल उठता है।
लेकिन आज एलआईयू की सक्रियता से यह लोग पैदल मार्ग जाने से रोके गए और इनको इनके गंतव्य वापस भेजा गया और इनके लिए खाने पीने की व्यवस्था करने हेतु भी ठेकेदार को निर्देशित किया गया।