लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती कोरोनावायरस से संक्रमित महिला डॉक्टर की हालत स्थिर*

कोरोना वायरस की चपेट में आई महिला डॉक्टर की हालत स्थिर बनी हुई हैं। केजीएमयू में भर्ती महिला डॉक्टर की निगरानी में डॉक्टरों की टीम लगी है। महिला को इंफेक्शियस डिजीज वार्ड में विशेष रूप से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड मे रखा गया है।  महिला के पति भी इसी वार्ड में अलग केबिन में रखे गए हैं। कोरोना वायरस की आशंका में महिला डॉक्टर के पति की गुरुवार को दोबारा जांच कराई गई, लेकिन दोबारा कराई गई जांच भी निगेटिव आई है। आठ मार्च को कनाडा निवासी महिला डॉक्टर अपने पति के साथ लखनऊ पहुंची थीं। टोरंटो होते हुए महिला मुंबई और फिर लखनऊ आईं थीं। बुखार व गले में खराश के बाद बुधवार को उन्होंने केजीएमयू में दिखाया जहां जांच के बाद कोरोना की पुष्टि हुई। लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमित मरीज का यह पहला मामला सामने आया है।मेडिसिन विभाग के डॉ.डी हिमांशु की देखरेख में इलाज शुरू हुआ। डॉ. हिमांशु के मुताबिक महिला डॉक्टर की तबीयत स्थिर है। उन्होंने अभी कोई बड़ी परेशानी महसूस न होने की बात कही है। वहीं पति की पहली जांच में संक्रमण न होने का पता चला। दोबारा फिर जांच कराई गई। इसमें भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। लिहाजा अब उन्हें 14 से 28 दिन तक सिर्फ निगरानी में रखा जाएगा।सीएमओ डॉ.नरेंद्र अग्रवाल के अनुसार कनाडा से आई महिला डॉक्टर के संपर्क में परिवार के नौ सदस्यों का पता चला है। तीन टीमें बनाई गई हैं। परिवार के सदस्यों के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजी गए हंै। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कुछ किया जाएगा। डॉ.डी हिमांशु कहते हैं कि 98 फीसद लोगों में यह ऐसे ही ठीक हो जाता है। कुछ लोग जो गंभीर हो जाते हैं उनके लिए भी एंटी वायरल व अन्य दवाएं मौजूद हैं। अच्छी बात यह है कि यह दवाएं भारत में ही उपलब्ध हैं। यानी हमें किसी और देश पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। डॉ. हिमांशु ने बताया कि जो महिला केजीएमयू में भर्ती हैं उन्हें भी मामूली रूप से बदन दर्द, नजला व जुकाम की ही शिकायत है। उन्होंने कहा कि पीडि़ता की जांच हर दूसरे दिन कराई जाएगी। लगातार दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आने पर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।  केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ.अमिता जैन कहती हैं कि किसी स्कूल ने बच्चों को मास्क पहनकर आने के निर्देश दिए हैं। यह मदद करने के बजाय समस्या बनेगा। कारण यह है कि बच्चे मास्क का ही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। वहीं सिंगिल यूज्ड मास्क का डिस्पोजल भी एक समस्या होगा। महत्वपूर्ण यह है कि हाथ की सफाई पर ध्यान दिया जाए और भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें। यदि किसी को सर्दी-जुकाम हो तो वह घर पर ही अपने को अलग कर ले।