हड़ताल कर्मचारियों का हक

नैनीताल। सामान्य, ओबीसी कर्मचारियों की अनिश्चिकालीन हड़ताल के बीच आज नैनीताल हाईकोर्ट ने हड़ताली कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही करने से साफ मना करते हुए हड़ताल को कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार करार दिया है। साथ ही कहा है कि सरकार इन कर्मचारियों पर जो भी कार्यवाही करना चाहती है करे, वह सक्षम है।


देहरादून के एक अधिवक्ता द्वारा दायर की गयी एक जनहित याचिका में कहा गया था कि राज्य के लाखों कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जन हित प्रभावित हो रहे है। इसलिए इस हड़ताल को समाप्त कराया जाये। अदालत में आज इस मामले की सुनवाई पर सभी की निगाहें लगी हुई थी। सरकार को भी उम्मीद थी कि शायद अदालत इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई कड़ा फैसला दे या फिर उन पर एस्मा लगा दे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
अदालत ने गेंद अब सरकार के पाले में ही धकेल दी है। अदालत ने साफ कहा है कि अगर कर्मचारियों का आंदोलन अहिंसक है तो हड़ताल करना उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्हे हड़ताल करने से नहीं रोका जा सकता है। वहीं अदालत ने यह भी साफ कर दिया है कि सरकार सक्षम है वह जैसे भी  हड़ताल को समाप्त करा सकती है। सरकार के पास तमाम विकल्प है। वह कोई भी विकल्प चुन सकती है। अदालत के निर्णय से आंदोलन कर रहे कर्मचारी भी खुश है उनका कहना है कि उन्हे कोर्ट से ऐसे ही निर्णय की उम्मीद थी। उनका कहना है कि वह अपने अधिकारों की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ेगें अब सरकार को जो कुछ भी करना है करे। देखना होगा कि सरकार अब हड़ताल को समाप्त कराने के लिए  क्या करती है।