स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की पुण्यतिथि पर कांग्रेसियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

देहरादून - भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की 57 वी पुण्यतिथि पर आज उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई वह उनको नमन किया गया। इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष कुमार ने कहा कि स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू की दूरगामी सोच व उच्च विचार आज भी सार्थक है उनके कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत किया गया ,राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थाई भाव प्रदान किया गया, और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करना उनके मुख्य उद्देश्य रहे ।स्वर्गीय नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया ,उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरू हुआ। उनकी वैज्ञानिक सोच एवं देश को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना के कारण ही आज हमारे देश में इसरो, रक्षा संस्थान ,सर्वोच्च न्यायालय एवं अन्य संस्थाएं कार्य कर रही हैं । 


आजादी के बाद पंडित नेहरू ने ही आधुनिक भारत की नींव रखी और पूरे विश्व में भारत को एक नई पहचान दिलाई ,देश की आजादी से लेकर आजाद भारत को समृद्ध बनाने तक नेहरू का अहम योगदान रहा है ,आजादी से पहले पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी आजादी की लड़ाई में उन्हें 9 बार जेल तक जाना पड़ा था, पंडित नेहरू ने शिक्षा, सामाजिक सुधार, आर्थिक क्षेत्र ,राष्ट्रीय सुरक्षा ,व औद्योगिकरण के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अपने विचारों एवं अपने उल्लेखनीय कार्यों की वजह से ही पंडित नेहरू महान बने ,उनके उत्कृष्ट कार्यों की वजह से ही देश आर्थिक मोर्चे पर मजबूत बना । उन्होंने आईआईटी ,आईआईएम, व विश्वविद्यालयों की स्थापना करी, भाखड़ा नांगल बांध, रिहंद बांध, और बोकारो इस्पात कारखाने की स्थापना करी, वह इन उद्योगों को देश के आधुनिक मंदिर मानते थे । उनके द्वारा किए गए कार्यों का जितना भी उल्लेख किया जाए कम है ऐसी महान शख्सियत को हम शत-शत नमन करते हैं व अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से पूरन सिंह रावत ,अशोक मल्होत्रा ,महावीर रावत ,चंद्र मोहन कोठियाल, सुनील सैनी, शंकर सिंह मेहरारू,रमेश मनवाल, मोहन सिंह रावत जहांगीर खान आदि थे ।