विकास के पुल से रुकी दलित परिवारों की राह

 डोईवाला

डोईवाला विधानसभा के पर्वतीय गांव को जोड़ने के लिए आजादी के बाद पहली बार बना सिंधवाल गांव का पुल लेदड़ी गांव के दलित परिवारों के लिए  विकास में बाधा बन गया है इस पुल के बन जाने से जहां तमाम गांव जैसे सिंधवाल मुड़िया गांव रीवाण पल्पा डांडा सेमलसारी  कैरवान गांव जाकर पुती नाही कोटला नाहीकला कोलधार सनगांव बड़वाली ठोठन जामनी खेत ढिवाली खेत अजवाल हरडी बड़कोट बिसौली छोटी नाही नाही खुर्द  को फायदा पहुंचा।और वह विकास की और आगे बढ़े ।


तो वही इस पुल के बनने से  लेदड़ी  गांव के दलित परिवार जो कि दिहाड़ी मजदूरी कर अपना परिवार चला रहे है उनको अपने पुश्तैनी रास्ते से भी हाथ धोना पड़ गया है।  क्योंकि यहां पुल बन जाने के बाद से कुछ प्रभावशाली लोगों ने अपने निर्माण कर इन गरीब दलित परिवारों का रास्ता पूर्ण रूप से बंद कर दिया है।

जबकि आपको बता दें कि यह पुश्तैनी मार्ग लेदडी गांव होता हुआ कई गांवों को जोड़ता हुआ  आगे बनाली सतेली पसनी रेठवान गांव से जाकर टिहरी जिले की ओर जाता था।

क्योंकि इस पुल के बन जाने से यहाँ की जमीनों की कीमतों में तेजी आई जिस कारण प्रभावशाली लोगों का गरीबो को दबाने का खेल शुरू हुआ। ओर इन लोगो द्वारा  निर्माण कार्य गरीबो के पुश्तैनी रास्ते को गेट लगाकर बंद कर दिया है जिस कारण इस गांव के ग्रामीणों को अब जंगली जानवरों के संकट के बीच नदी से होकर गुजरना पड़ रहा है इनके बच्चे जो कि रोजाना स्कूलों जाने के लिए आवागमन करते हैं उनको भी नदी के बीचो-बीच जंगल के रास्ते से ही मुख्य मार्ग में आना पड़ रहा है।

 बरसात के दिनों में नदी पार करना जान हथेली पर लेकर चलना होता है पिछली बरसात में इन गरीबों के दो पहिया वाहन भी पानी में बह गए थे जिसका मुआवजा जी ने आज तक नहीं मिल पाया है  शिकायत के बावजूद भी आज तक 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन दलित परिवारों का रास्ता नहीं खुल पाया है जिस कारण यह विकास के पुल पर आवागमन करने से भी वंचित हैं।

 तो वही ग्रामीण धर्म सिंह का कहना है कि उन पर अपनी भूमि बेचने का दबाव बनाया जा रहा है जिस कारण इनका पैदल चलने का भी रास्ता तार बाढ़ व गेट लगाकर बंद कर दिया गया है जिससे वह अपनी भूमि ओने पोने दाम में बेच कर यहां से चले जाएं।  उन्होंने तहसील प्रशासन से मांग की है कि उनका पुश्तैनी मार्ग पुनः खोला जाए जिससे कि वह सरकार द्वारा बनाए गए विकास के पुल पर आवागमन कर सकें।

ग्रामीण  राहुल, संजय, कुंवर सिंह ,सूरज ,बल बहादुर पुष्पा देवी रूपसा देवी नंदा देवी आदि ने भी सरकार व प्रशासन से गरीब दलित परिवारों की सुध लेने की मांग की है।

सामाजिक कार्यकर्ता  महिपाल सिंह कृषाली ने डोईवाला तहसील प्रशासन व तीरथ सरकार से गरीब दलित परिवारों को मदद पहुचाने की मांग की है उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही इस रास्ते को नहीं खोला गया तो पीड़ित परिवारों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर गुहार लगाई जाएगी।

अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इन गरीब दलित परिवारों की कब सुध लेते हैं और कब यह सरकार द्वारा बनाए गए विकास के पुल से आवागमन कर पाते हैं।