भाजपा का "बेटी पढ़ाओ -बेटी बचाओ" एक जुमला - शिवप्रसाद सेमवाल

उत्तराखंड क्रांति दल ने किया भाजपा के "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान पर प्रहार। मुआवजा और नौकरी की करी मांग


 


 एसिड अटैक पीड़िता को मुआवजा और नौकरी न देने पर उठाए सवाल।


 


 उत्तराखंड क्रांति दल ने आज भारतीय जनता पार्टी के "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " अभियान को एक जुमला करार दिया।यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पीड़ित महिलाओं के प्रति कहीं से भी संवेदनशील नहीं है।"


 


आज यहां एक प्रेस में यूपी में एसिड अटैक पीड़िता एक महिला निर्भया (काल्पनिक नाम) मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि इस महिला को ना तो एसिड अटैक होने के बावजूद कानूनी सहायता मिल पाई और ना ही मुआवजा। यहां तक कि आउटसोर्स से मिली एक नौकरी से भी इस महिला को निकाल दिया गया, तथा इसे 7 महीने से वेतन नहीं दिया गया।


 


 गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी "उत्तराखंड यौन अपराध पीड़ित प्रतिकार योजना 2020" को प्रदेश में लागू किया हुआ है। लेकिन पीड़ित महिलाओं के लिए तमाम योजनाएं चलाए जाने का दावा करने के बाद एसिड अटैक सरवाइवर की यह हालत है कि वे दाने-दाने को मोहताज है।


 


 उत्तराखंड क्रांति दल ने हरिद्वार में भीख मांगने को मजबूर महिला हंसी की दयनीय स्थिति को लेकर भी भाजपा पर जमकर सवाल खड़े किए।


 


 उत्तराखंड क्रांति दल युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा रावत ने कहा कि हंसी के साथ फोटो सेशन कराने और सुर्खियां बटोरने के बाद सरकार ने यह घोषणा की थी कि इन्हें नौकरी दी जाएगी और हरिद्वार मेयर ने कहा था कि उन्हें आवास दिया जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि वह महिला आज भी हरिद्वार के बस अड्डे पर घूम रही है।


 


 प्रेस वार्ता में एसिड अटैक पीड़िता निर्भया के साथ-साथ शिव प्रसाद सेमवाल और उत्तराखंड क्रांति दल युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा रावत मौजूद थे।