डोईवाला-
सेंट्रल इंस्टिट्यूटऑफ प्लास्टिकस इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) प्रदेश के बेरोजगारों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान हैं उत्तराखंड में एकमात्र ऐसा संस्थान है जिसमें शत-प्रतिशत रोजगार की अपार संभावना है ।
जहां पर 10वीं व 12वीं कक्षा पास करके छात्र प्लास्टिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना उज्जवल भविष्य बना सकते हैं और इस में रोजगार के भी शत-प्रतिशत अवसर हैं उत्तराखंड जैसे राज्य में जहां रोजगार के कम अवसर हैं वहां पर सिपेट एक मुख्य कड़ी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है जहां पर आकर प्रदेश के युवा अपना भाग्य सवार सकते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह उत्तराखंड में ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसको उत्तराखंड में लाने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष प्रयास किए और अपनी विधानसभा डोईवाला में इसकी स्थापना करवाई।
सिपेट में जहां डिप्लोमा कोर्स डीपीटी, डीपीएमटी 3 वर्ष के डिप्लोमा कोर्स के साथ ही 3 व 6 माह के भी दसवीं पास विद्यार्थियों के लिए निशुल्क कौशल विकास, उत्तराखंड ग्रामीण विकास समिति, दीनदयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन, के तहत तमाम कोर्स संचालित किए जा रहे हैं जिसमें छात्र एक कुशल कारीगर बन सकता है और प्लास्टिक के क्षेत्र में कुछ नया कर सकता है।
आज नवनियुक्त सिपेट निदेशक व प्रमुख नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि सिपेट उद्योगों को भी प्लास्टिक तकनीकी के क्षेत्र में सहायता प्रदान करता है इसके साथ ही बच्चों को तकनीकी शिक्षा ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रैक्टिकल के साथ छात्रों को एक कुशल वह आत्म निर्भर बनाने में सहयोग प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत में सिपेट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जहां पर 10वीं व 12वीं कक्षा पास के छात्रों को एक कुशल कारीगर बनाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें वह प्लास्टिक के क्षेत्र में कुछ नया कर सकें।
उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को इस कोर्स के बाद शत प्रतिशत रोजगार की संभावना है
सिपेट संस्थान में कुल सीटों में उत्तराखंड के 80% छात्रों को इस संस्थान में सीखने की अनुमति प्रदान करता है साथ ही 20% सीटों पर देेश के छात्रों के लिए यहां सीटे मौजूद हैं।
वार्ता के दौरान सीपत के सहायक निदेशक अभिषेक राजवंश भी मौजूद रहे