गुलदार प्रभावित छेत्र में सिंचाई नहर के लिए महिलाओं ने किया श्रमदान। मामले का ओ एस डी ने लिया संज्ञान

 डोईवाला


सरकार की उपेक्षा से नाराज डोईवाला विधानसभा के नागल बुलंदा वाला ग्राम सभा के किशनपुर ग्रांट की महिलाओं ने वन क्षेत्र में पढ़ने वाली लगभग 3 किलोमीटर की सिंचाई नहर जिससे कि उनकी कई बीघा भूमि में सिंचाई की जाती है उसको खुद श्रमदान करके बनाने की पहल की है।


 


आपको बता दें कि किशनपुर ग्रांट कि यह नहर जिसका लगभग 3 किलोमीटर का हिस्सा है वन क्षेत्र में पड़ता है जिस कारण वन विभाग इस क्षेत्र में इस नहर को पक्की बनाने की अनुमति नहीं देता है जिस कारण यहां इस नहर से खेती करने वाली महिलाओं को स्वय ही जाकर इस नहर की सफाई कर पानी लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।


 


तो वही आपको बता दें कि इस जंगल में गुलदार सहित खतरनाक अजगर सांपों का डेरा है  जिसका खतरा भी इन महिलाओं पर हमेशा बना रहता है तो वही  इस क्षेत्र की महिलाओं के पति भारतीय सेना में होने के कारण इन महिलाओं को ही इन घने जंगलों में जाकर खेतों में पानी की सिंचाई के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है जिससे जहां इनकी जान पर जोखिम तो बना ही रहता है तो वही इन्हें विभिन्न प्रकार की परेशानियां भी झेलनी पड़ती है।


 


विगत कई वर्षों से यह महिलाएं इसी तरह से सिंचाई के पानी को लाने के लिए कड़ी मशक्कत करती हैं लेकिन आज तक किसी ने भी इनकी सुध नहीं ली है जिस कारण इन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस सिंचाई नहर को पक्का बनाने के लिए आदेश दिया जाए या छेत्र में एक टुबेल का निर्माण कराया जा सके जिससे कि इनके परिवार भी सुरक्षित रहें और इन्हें खेती की सिंचाई के लिए पानी भी मिल सके ।


 


तो वहीं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी धीरेंद्र सिंह पवार ने फोन पर इन महिलाओं की समस्याओं को सुना और जल्द ही इनकी समस्या का निस्तारण करने का भरोसा दिलाया मांग करने वाले ग्रामीणों में बिंदु अधिकारी, जानकी अन्ना, रेनू पंत, बसंती पंत, कमला अन्ना, आशा राणा, आशा बोरा, मनीषा पांडे विद्या पंत आदि उपस्थित रहे।