देहरादून/डोईवाला-
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु जहां तमाम सरकारी विभाग के कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर भी संक्रमित लोगों के बचाव हेतु दिन-रात काम कर रहे हैं और तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए भी अपने कार्य को निरंतर निभा रहे हैं इस संकट की घड़ी में सरकारी कर्मचारी जो इस आपदा की घड़ी में कार्य कर रहे हैं और आमजन को राहत पहुंचाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं उससे आम जनमानस में सरकारी कर्मचारियों के मान सम्मान में वृद्धि हुई है खास तौर पर पुलिस ,पालिका व सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग व पत्रकार जहां लोगों के बीच में जाकर उनको राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं जिस पर सरकार द्वारा उनका बीमा भी करवाया गया है ।
परंतु प्रदेश के लाखों कार्ड धारकों को इस संकट की घड़ी में खाद्यान्न पहुंचाने वाले आपूर्ति विभाग पर सरकार की नजरें इनायत नहीं हो रही है आज हर गली मोहल्ले क्षेत्र में खाद्यान्न पहुंचाने की जिम्मेदारी आपूर्ति विभाग एवं सरकारी सस्ते गल्ले विक्रेताओं पर है जो निरंतर इस संकट की घड़ी में भी लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
अप्रैल माह में ही 3 माह का राशन वितरण एवं केंद्र द्वारा मिलने वाला फ्री खाद्यान्न का वितरण लोगों तक सही समय पर और सभी को पहुंचाने की जिम्मेदारी इस समय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता के ऊपर है उनसे खाद्यान्न लेने वाले लोग कहां से व किस जगह से आ रहे हैं इन सब से अनजान सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता सभी को खाद्यान्न मुहैया करा रहे हैं लेकिन अभी तक ना तो सरकार ने दुकानों में किसी प्रकार की सैनिटाइज की व्यवस्था की है और ना ही सस्ता गल्ला विक्रेता ओं को सुरक्षा संबंधी कोई किट ही अभी तक उपलब्ध कराई है जिससे अब उन्हें और उनके परिवार में भी भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है इस समय पर कई अनैतिक दबाव भी सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता के ऊपर पड़ रहे हैं लेकिन बिना किसी अतिरिक्त सहायता के भी सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता इस संकट की घड़ी में अपना कर्तव्य बखूबी निभा रहे हैं ।
सरकार को चाहिए कि अन्य विभागों की तरह ही सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता एवं आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों का भी बीमा करा कर उनको सुरक्षित करें साथ ही दुकानों को सैनिटाइज करने व विक्रेताओं को सुरक्षा संबंधी किट भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए जिससे कि इस महामारी में राशन विक्रेताओं एवं उनसे खाद्यान्न लेने वाले कार्ड धारको की सुरक्षा भी बनी रहे।