आपातकालीन सेवा 108 का चालक लेकर गया था ज्वाला मेंडिकल सेंटर
देहरादून। राजधानी दून में इलाज के नाम पर लोगों से ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। विगत 27 दिसम्बर को विकासनगर में एक्सीडेंट के बाद पैर में रॉड डालने और ऑपरेशन के नाम पर डेढ लाख रुपये हड़प लिए गए।
विकासनगर निवासी सीता देवी ने एसएसपी को शिकायती पत्र में बताया कि उनके भाई मुकेश को विगत 27 दिसम्बर को एक्सीडेंट हो गया था। घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने 108 एम्बुलेंस सर्विस को कॉल कर बुलाया। एम्बुलेंस चालक अबरार ने दून हॉस्पिटल की जगह ज्वाला मेडिकल सेंटर बल्लीवाला चौक ले गया और वहीं पर मरीज को वहीं भर्ती करने को कहना लगा। गुरुवार को सीता देवी निवासी भीमावाला (विकासनगर) ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया कि उनके छोटे भाई मुकेश का बीते साल 27 दिसम्बर को एक्सीडेंट हो गया था। 108 सेवा की एंबुलेंस का चालक अबरार उन्हें दून हॉस्पिटल ने ले जाकर बल्लीवाला चौक स्थित ज्वाला मेडिकल सेंटर ले गया और बताया कि डॉ. वकार चौहान ऑर्थोपेडिक सर्जन है, उचित इलाज करेंगे। सीता देवी ने बताया कि रिसेप्शन पर सना, अलीशा चौहान और ललित लहरी बैठे थे। वकार चौहान ने बताया कि पैर की हड्डी टूटी है, इसलिए ऑपरेशन करना पडे़गा। अबरार को अलीशा चौहान ने दो हजार रुपये दिए और अबरार वहां से चला गया। ज्वाला मेडिकल सेंटर में टिटेनियम की रॉड डालने का कुल खर्चा 60 हजार बताया गया। इसके बाद वह मरीज को चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर ले गए और एक्स-रे करवाया जिसमें हड्डी टूटने की बात कही गई। एक घंटे बाद मरीज को दुबारा ज्वाला मेडिकल सेंटर लाकर जबर दस्ती आईसीयू में भर्ती करवाया और 10 दिन तक इलाज करवाने का झूठा आश्वासन देते रहे। विगत 28 दिसम्बर को उन्हें ज्वाला मेडिकल सेंटर से डॉ. प्रसून महेश्वरी के क्लीनिक पर भेजा गया। वकार और ललित ने डॉ. महेश्वरी से कुछ देर बात की और मुकेश को ऑपरेशन थियेटर भेज दिया गया। इसके बाद 10 दिन तक उसे वापस जबर दस्ती ज्वाला मेडिकल सेंटर में रखा गया। उपचार के नाम पर डेढ़ लाख रूपये ले लिए गए। विगत 5 जनवरी को डिस्चार्ज करते हुए उन्हें कहा कि 4 मार्च को पैर में लगी रॉड को निकाला जायेगा। 4 मार्च को जब वह ज्वाला मेडिकल सेंटर रॉड निकलवाने पहुंचे तो पता चला कि सना, अलीश, वकार वहां से भाग चुके है, ललित वहीं मौजद था। उन्होंने मुकेश को प्रसून महेश्वरी कहा ले गए, डॉ. महेश्वरी ने बताया कि पहले रॉड डाली ही नहीं गई थी। इस बीच, पता चला कि वकार व ललित डॉक्टर नहीं है और गिरोह बनकार लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है।
एक मकान पर दो क्लीनिक, पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं।
राजधानी दून के बल्लीवाला स्थित एक ही पता व मकान पर दो क्लीनिक ज्वाला हास्पिटल व ज्वाला मेडिकल सेंटर चल रहे है। बताया जा रहा है कि ज्वाला हास्पिटल बीएमएस धारक महिला एम सिंह द्वारा संचालित किया जा रहा है, तो वहीं उसी पता व मकान पर अन्य तथाकथित डॉक्टरों द्वारा ज्वाला मेडिकल सेंटर नाम से एक अन्य क्लीनिक संचालित है। मकान मालिक आरपी सिंह ने बताया कि वह बीएमएस डॉक्टर है उनका कांवली रोड स्थित एक एक क्लीनिक है जहां वह खुद बैठते हैं। मकान मालिक आरपी सिंह ने बताया कि तथाकथित डॉक्टरों को किराया पर कमान दिया गया था। उन्होंने कहा कि इन लोगों को पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं करवाया गया है। आरपी सिंह ने बताया कि दो माह बाद उनको पता चला है कि सभी डॉक्टरों का प्रमाण पत्रा पफर्जी है। उन्होंने कहा कि फर्जी डॉक्टर के बारे में पता चलते ही मकान खाली करने के लिए कहा दिया था। उन्होंने कहा कि डॉ. अभिषेक खन्ना के कहने पर तथाकथित डॉक्टरों को मकान व क्लीनिक किराया पर दिया गया था। उन्होंने कहा कि तथाकथित डॉक्टरों ने दून के अन्य क्लीनिक में भी कुछ वर्षाें तक काम किया है। उन्होंने कहा कि इन तथाकथित डॉक्टरों ने जीएमएस रोड पर एक मकान किराया पर ले रखा है और यहां से क्लीनिक संचालित कर रहे है।