डोईवाला-अठूरवाला के ग्राम कडंल में आशीष राणा ने अपने स्वर्गीय पिता मातवर सिंह राणा व स्वर्गीय माता पुष्पा राणा जी के वार्षिक श्राद्ध के उपलक्ष में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की कथा में राष्ट्रीय संत डॉक्टर दुर्गेश अचार्य महराज कृपा पात्र भागवत प्रवक्ता महामाया जी ने श्रोताओं को कथा श्रवण करवाते हुए प्रभु के अवतारवाद के विषय में कहा कि प्रभु धर्म की रक्षा हेतु, भक्तों का कल्याण करने तथा दुष्टों को तारने हर युग में अवतार लेते हैं।
श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास जी ने विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय पर बल दिया।
तथा श्रोताओं को कथा श्रवण करवाते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी ने विभिन्न प्रकार की लीलाएं की। उन्होंने माखन चुराया तो भक्तों ने माखन चोर कह दिया। माखन चोरी की लीला से उन्होंने भक्तों के भावों को ग्रहण किया। उन्होंने कहा इस लीला का भावार्थ यही है कि प्रभु हमारे भीतर विराजमान हैं। आवश्यकता एक पूर्ण गुरु की है जो मानव शरीर में ही प्रभु दर्शन करा दे।
आचार्य सुरेंद्र उनियाल जी ने बताया की ग्राम कडंल में आज श्रीमद् भागवत कथा महापुराण में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भगवान श्री के जन्म प्रसंग पर श्रद्धालु खुशी से झूमे।
इस बिच आशीष राणा,पंडित विनोद थपलियाल जी,अनिल बिजल्वान, गौरव उनियाल, हरीश उनियाल, संगीतज्ञ आचार्य प्रदीप नोटियाल, सुरेंद्र तिवारी समाजसेवी आशीष बिजल्वान आदि उपस्थित रहे।