एक सरल व्यक्तित्व के धनी श्री पुष्कर सिंह सेलाल जी, सेवानिवृत्त पुलिस उपमहानिरीक्षक का असमय चले जाना और इस रिक्त स्थान की वेदना रङ्ग समाज सदैव ही महसूस करेगा। दिवंगत आत्मा को अपनी शोक सम्वेदनाएं एवम भावपूर्ण श्रदाजली अर्पित करता हूँ। ईश्वर उन्हें अपने चरणों मे स्थान दे,
समाज और विशेष रूप से खाकी भी सदैव उनका ऋणी रहेगा।
स्व0 पुष्कर सिंह सेलाल का जीवन दुर्गम एवं अभावो में अत्यंत कठिनता के साथ बीता । उत्तराखंड के पिथौरागड़ जनपद के दूरस्थ एवं सीमांत गाँव सेला में अत्यंत गरीब परिवार में जन्मे स्व0 पुष्कर सेलाल जी अपने मधुर व्यवहार एवं सादगी के कारण अपने विद्यालय एवम साथियों में 'यूनिवर्सल' "सबके दोस्त" के रूप में चर्चित थे । सीमांत रङ्ग समाज के तीनो घाटियों ( दारमा, व्यास एवं चौदास ) में पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) में आने वाले सेलाल जी प्रथम व्यक्ति थे। पुलिस सेवाओं में लगबग प्रत्येक शाखा में काम का अनुभव एवं दक्षता प्राप्त थी एवं व्यवहारिक एप्रोच रखते हुए लोगो की मदद में तत्पर रहते थे।
02 जुलाई 1956 को जन्मे स्व0 श्री सेलाल जी वर्ष 1982 में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर पुलिस सेवा में आये, अपनी दीर्घ सेवा के दौरान उन्हें सराहनीय सेवा पदक एवमं वर्ष 2014 में महामहिम राष्ट्पति द्वारा विशिष्ट सेवा पदक से भी अलंकृत किया गया, अपने सेवा काल के रूप में सीओ मेरठ ,बुलन्दशहर, रुद्रपुर एवम अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में गौतम बुद्ध नगर बरेली जैसी जनपदों में अपनी सेवाएं दी है एवं अपनी अलग छाप स्थापित की , उत्तराखंड के गठन के पश्चात जनपद रुद्रप्रयाग एवम चंपावत में पुलिस अधीक्षक के पद रहे और अपनी सीधे सादे, सरल कार्य शैली से सभी को प्रभावित किया। सेवा काल के अंतिम दौर में अनुभवों के साथ वर्ष 2012 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार एवमं वर्ष 2015 में पुलिस उपमहानिरीक्षक नैनीताल के पद के महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। श्री सेलाल 31 जुलाई 2016 को सेवा निवृत्त उनका सम्पूर्ण पुलिस का कार्य काल अनेक उपलब्धियों से भरा रहा।
सामाजिक सेवा में रुचि होने से वर्ष 2008 में रं समाज कल्याण संस्था में केंद्रीय अध्यक्ष के रूप स्व0श्री सेलाल जी मनोनीत किये गए, अपनी योग्यता , विलक्षण क्षमता एवम समाज के लिए कुछ कर गुजरने के जूनून ने उन्हें पुनः वर्ष 2012 में रं समाज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। अपने समाज की संस्कृति एवं परम्परा पर शोध उपरांत लिखित पुस्तक "रं ठुमचारु" आज भी समाज का मार्ग दर्शन कर रही है। स्व0श्री सेलाल जी ने अपनी सरल स्वभाव के कारण एक अलग पहचान थी । ये जानते हुए की जीवन की एक सीमा है मृत्यु अटल किंतु इस सत्य को सहन करना सहज नही है।
पुष्कर सिंह सेलाल का निधन